पेरियार
तमिल राजनीतिज्ञ और सामाजिक सुधारक / From Wikipedia, the free encyclopedia
इरोड वेंकट रामासामी पेरियार (17 सितम्बर, 1879-24 दिसम्बर, 1973) जिन्हे पेरियार (तमिल में अर्थ -सम्मानित व्यक्ति) नाम से भी जाना जाता था, बीसवीं सदी के तमिलनाडु के एक प्रमुख राजनेता थे जो दलित-शोषित व गरीबों के उत्थान के लिए कार्यरत रहे। इन्होंने जातिवादी व गैर बराबरी वाले हिन्दुत्व का विरोध किया जो इनके अनुसार दलित समाज के उत्थान का एकमात्र विकल्प था। [1] [2] पेरियार अपनी मान्यता का पालन करते हुए मृत्युपर्यंत जाति और हिंदू-धर्म से उत्पन्न असमानता और अन्याय का विरोध करते रहे। ऐसा करते हुए उन्होंने लंबा, सार्थक, सक्रिय और सोद्देश्यपूर्ण जीवन जीया था। पेरियार ऐसे क्रांतिकारी विचारक के रूप में जाने जाते थे जिन्होंने धार्मिक आडंबर और कर्मकांडों पर प्रहार किया था।[3] उन्होंने तमिलनाडु में ब्राह्मणवादी प्रभुत्व और जाति अस्पृश्यता के खिलाफ विद्रोह किया।
पेरियार | |
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डाक टिकट पर पेरियार का चित्र | |
द्रविड़ कड़गम के अध्यक्ष | |
पद बहाल 27 अगस्त 1944 – 24 दिसम्बर 1973 | |
पूर्वा धिकारी | पद स्थापित |
उत्तरा धिकारी | अन्नाई ईवीआर मनिअम्मई |
जस्टिस पार्टी के प्रमुख | |
पद बहाल 1939 – 27 अगस्त 1944 | |
उद्घाटन धारक | सी. नतेसा मुदलियार |
पूर्वा धिकारी | बोब्बिली के रामकृष्ण रंगा राव |
उत्तरा धिकारी | पि॰ टि॰ राजन |
जन्म | 17 सितम्बर 1879 इरोड, जिला कोयंबटूर, मद्रास प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु | 24 दिसम्बर 1973(1973-12-24) (उम्र 94) वेल्लोर, तमिलनाडु, भारत |
समाधि स्थल | पेरियार निनैविडम |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | द्रविड़ कजगम (1944 से) |
अन्य राजनीतिक संबद्धताऐं |
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जीवन संगी |
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व्यवसाय |
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उपनाम |
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