मांटेसरी पद्धति
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मांटेसरी पद्धति बच्चों के लिए शिक्षा की एक प्रणाली है जो औपचारिक शिक्षण विधियों का उपयोग करने के बजाय प्राकृतिक रुचियों और गतिविधियों को विकसित करने का प्रयास करती है। एक मांटेसरी कक्षा व्यावहारिक व क्रियाशील शिक्षण और वास्तविक दुनिया के कौशल को विकसित करने पर महत्व देती है।[1] यह स्वतंत्रता पर जोर देता है। यह बच्चों को स्वाभाविक रूप से ज्ञान के लिए जिज्ञासु और पर्याप्त रूप से सहायक और गुणवत्तायुक्त शैक्षिक माहौल में विद्यार्जन करने में सक्षम मानता है। अंतर्निहित दर्शन को अन्फ़ोल्डमेंट थियरी से उपजी के रूप में देखा जा सकता है।[2] यह उपलब्धि के कुछ पारम्परिक उपायों को निरुत्साहित करता है, जैसे ग्रेड और परीक्षण।
इस पद्धति का विकास 20वीं शताब्दी की शुरुआत में इतालवी चिकित्सक मारीया मोन्तेस्सौरी द्वारा किया गया था, जिन्होंने अपने सिद्धांतों को अपने छात्रों के साथ वैज्ञानिक प्रयोग के माध्यम से विकसित किया था; इस पद्धति का उपयोग तब से दुनिया के कई भागों में, सार्वजनिक और निजी स्कूलों में समान रूप से किया जा रहा है।[3][4]