रेडियल वेग
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रेडियल वेग या त्रिज्या वेग (radial velocity) किसी वस्तु के उस वेग को कहते हैं जो सीधा किसी दर्शक की तरफ़ या उस से उल्टी तरफ़ हो। अगर दर्शक कहीं स्थित हो और वस्तु हिल रही हो तो रेडियल वेग उस वस्तु के पूर्ण वेग का केवल वह हिस्सा है जो उस वस्तु को दर्शक के पास ला रहा है या उस से दूर ले जा रहा है। इसमें से उस वेग का भाग हटा दिया जाता है तो वस्तु को दर्शक के दाई या बाई ओर ले जा रहा हो। खगोलशास्त्र में अक्सर किसी खगोलीय वस्तु के रेडियल वेग का अनुमान स्पेक्ट्रोस्कोपी द्वारा वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) का अध्ययन करके लगाया जाता है। डॉप्लर प्रभाव के कारण दूर जाती वस्तुओं का वर्णक्रम में अधिक लालिमा आ जाती है जबकि पास आती वस्तुओं के वर्णक्रम में अधिक नीलिमा आ जाती है। दूरबीन द्वारा खगोलीय अध्ययन करके भी रेडियल वेग का बिना वर्णक्रम का प्रयोग करे भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है।[1]