लखनऊ की अर्थ व्यवस्था
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लखनऊ उत्तरी भारत का एक प्रमुख बाजार एवं वाणिज्यिक नगर ही नहीं, बल्कि उत्पाद एवं सेवाओं का उभरता हुआ केन्द्र भी बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी होने के कारण यहां सरकारी विभाग एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ही यहां मध्यम-वर्गीय वेतनभोगियों के नियोक्ता हैं। सरकार की उदारीकरण नीति के चलते यहां व्यवसाय एवं नौकरियों तथा स्व-रोजगारियों के लिए बहुत से अवसर खोल दिये हैं। इस कारण यहां नौकरी पेशे वालों की संख्या निरंतर बढ़ती रहती है।
लखनऊ निकटवर्ती नोएडा एवं गुड़गांव के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं बीपीओ कंपनियों के लिए श्रमशक्ति भी जुटाता है। यहां के सू.प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लोग बंगलुरु एवं हैदराबाद में भी बहुतायत में मिलते हैं।
शहर में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) तथा प्रादेशिक औद्योगिक एवं इन्वेस्टमेंट निगम, उत्तर प्रदेश (पिकप) के मुख्यालय भी स्थित हैं। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम का क्षेत्रीय कार्यालय भी यहीं स्थित है।
यहां अन्य व्यावसायिक विकास में उन्मत्त संस्थानों में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) एवं एन्टरप्रेन्योर डवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ईडीआईआई) हैं।