अरबी प्रायद्वीप
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अरबी प्रायद्वीप (अरबी: شبه الجزيرة العربية सिब्ह अल-जजी़रा अल-ʻअरबिया या جزيرة العرب जजी़रत अल-ʻअरब) दक्षिण पश्चिम एशिया का एक प्रायद्वीप है। यह एशिया एवं अफ्रीका की संधि पर है। यह मुख्यतः रेगिस्तान है। यह मध्य एशिया का एक महत्वपूर्ण]] भाग है, एवं अपने खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस के विशाल भण्डार के कारण महत्वपूर्ण राजनैतिक भूमिका निभाता है।
प्रायद्वीप के तट, पश्चिम छोर पर लाल सागर एवं अकाबा की खाडी़, दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर (हिंद महासागर का भाग]]), उत्तर-पश्चिम में ओमान की खाडी़ एवं हॉर्मज़ जलडमरुमध्य तथा फारस की खाडी़ हैं।
इसकी उत्तरी सीमा ज़गरोस कोलीजज्ञ जो़न है, जहाँ अरबी प्लेट एवं एशिया के बीच संयोजन/टक्कर होने से महाद्वीपीय उठाव है। यह सीरियाई रेगिस्तान से जा मिलता है, बिना किसी रेखांकित सीमा के।
भौगोलिक दृष्टि से अरबी प्रायद्वीप में ईराक एवं सीरिया के भाग आते हैं। राजनैतिक रूप से प्रायद्वीप को शेष एशिया से अलग करता है उत्तरी सीमाएं। ये उत्तरी सीमाएं कुवैत एवं सऊदी अरब की सीमाएं। निम्न राष्ट्र इस प्रायद्वीप के भाग माने जाते हैं:
- बहरीन, प्रायद्वीप के पूर्वी तट से दूर बसा एक द्वीपीय राष्ट्र।
- कुवैत
- ओमान
- कतर
- सऊदी अरब
- जार्डन
- संयुक्त अरब अमीरात
- यमन
यमन एवं जॉर्डन को छोड़कर, इन देशों को (जिन्हें फारस की खाडी़ के अरब राज्य भी कहते हैं), यह समूह विश्व के सबसे अमीर देशों में आते हैं।
सन 2008 में अरबी प्रायद्वीप की जनसंख्या बताई गई थी: 69,550,249।[1]