अरुणाचल प्रदेश
पूर्वोत्तर भारत में राज्य / From Wikipedia, the free encyclopedia
अरुणाचल प्रदेश भारत का एक उत्तर-पूर्वी राज्य है।[10] अरुणाचल का अर्थ "उगते सूर्य का पर्वत" है (अरूण + अचल ; 'अचल' का अर्थ 'न चलने वाला' = पर्वत होता है।)।
अरुणाचल प्रदेश | |
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राज्य | |
ऊपर से बाएं से दाएं: स्वर्णिम पगोडा, नामसाई, तवांग मठ, तुत्सा नृत्यांगनाएँ, शून्य घाटी (जीरो वैली), पक्के बाघ अभयारण्य, सेला दर्रा | |
गान: "अरुणाचल हमारा"[1] | |
निर्देशांक (Itanagar): 27.06°N 93.37°E / 27.06; 93.37 | |
देश | भारत |
केन्द्र-शासित प्रदेश | 21 जनवरी 1972 |
राज्य का दर्जा | 20 फ़रवरी 1987[2] |
राजधानी | ईटानगर |
सबसे बड़ा शहर | ईटानगर |
जिले | : 25 |
शासन | |
• सभा | अरुणाचल प्रदेश सरकार |
• राज्यपाल | लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, वाईएसएम (सेवानिवृत्त)[3] |
• मुख्यमंत्री | पेमा खांडू[4] (भाजपा)[5] |
• विधान-मंडल | एकसदनीय
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• संसदीय क्षेत्र | |
• उच्च न्यायालय | गुवाहाटी उच्च न्यायालय - ईटानगर बेंच |
क्षेत्र | 83743 किमी2 (32,333 वर्गमील) |
क्षेत्र दर्जा | 14वां |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 13,82,611 |
• दर्जा | 27वां |
• घनत्व | 17 किमी2 (43 वर्गमील) |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+05:30) |
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोड | IN-AR |
मानव विकास सूचकांक | 0.661 [6] (medium) |
HDI रैंक | 24वां (2019) |
साक्षरता | 66.95% |
राजभाषा | अंग्रेज़ी[7][8][9] |
वेबसाइट | arunachalpradesh |
प्रदेश की सीमाएँ दक्षिण में असम दक्षिणपूर्व में नागालैंड पूर्व में बर्मा/म्यांमार पश्चिम में भूटान और उत्तर में तिब्बत से मिलती हैं। ईटानगर राज्य की राजधानी है। प्रदेश की बोलचाल की मुख्य भाषा हिन्दी [11]है। अरुणाचल प्रदेश चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के साथ 1,129 किलोमीटर सीमा साझा करता है।[12][13]
भारत की जनगणना २०११ के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश की आबादी 1,382,611 और 83,743 वर्ग किलोमीटर (32,333 वर्ग मील) का क्षेत्रफल है। यह एक नैतिक रूप से विविध राज्य है, जिसमें मुख्य रूप से पश्चिम में मोनपा लोग, केन्द्र में तानी लोग, पूर्व में ताई लोग और राज्य के दक्षिण में नागा लोग हैं।
राज्य का एक बड़ा हिस्सा दक्षिण तिब्बत के क्षेत्र के हिस्से के रूप में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना और चीन गणराज्य (ताइवान) दोनों द्वारा दावा किया जाता है।
भौगोलिक दृष्टि से पूर्वोत्तर के राज्यों में यह सबसे बड़ा राज्य है। पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तरह इस प्रदेश के लोग भी तिब्बती-बर्मी मूल के हैं। वर्तमान समय में भारत के अन्य भागों से बहुत से लोग आकर यहाँ आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ कर रहे ।