कारा-ख़ितान ख़ानत
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कारा-ख़ितान ख़ानत (मंगोल: Хар Хятан, ख़ार ख़ितान; चीनी: 西遼, शी लियाओ; अंग्रेजी: Kara-Khitan Khanate), जिसे पश्चिमी लियाओ साम्राज्य भी कहा जाता है, मध्य एशिया में स्थित ख़ितानी लोगों का एक साम्राज्य था जो सन् ११२४ ईसवी से १२१८ ईसवी तक चला। ख़ितानियों का लियाओ राजवंश उत्तरी चीन पर राज करा करता था लेकिन जुरचेन लोगों के आक्रमण से वे पश्चिम की ओर चले गए और वहाँ लियाओ राजघराने के वंशज येलू दाशी (耶律達實, Yelü Dashi) ने कारा-ख़ितान नाम की ख़ानत शुरू करी।[1] इसकी राजधानी आधुनिक किर्गिज़स्तान में स्थित बलासागुन शहर (Balasagun, بلاساغون) था। जब तक यह साम्राज्य चला इसे मध्य एशिया के सबसे शक्तिशाली राज्यों में से एक माना जाता रहा। कारा-ख़ितान पर १२११ में नायमन लोगों के नेता कुचलुग ख़ान ने धोखे से क़ब्ज़ा कर लिया। चंद साल बाद १२१८ में मंगोल साम्राज्य ने यहाँ आक्रमण किया और इस साम्राज्य को हमेशा के लिए नष्ट कर दिया।[2]