जबल अल-नूर
सऊदी अरब में पवित्र पर्वत / From Wikipedia, the free encyclopedia
जबल अल-नूर या जबल ए नूर (अरबी : جبل ٱلنور, या 'रोशनी का पर्बत 'माउन्टेन ऑफ़ लाईट') सऊदी अरब के हिजाज़ क्षेत्र में मक्काह के पास एक पर्वत है। [1] इस परबत में एक गुफा है जिस का नाम हीरा गुफ़ा है, जिस में इस्लामी पैगंबर मुहम्मद कई दिन गुज़ारे और यहीं पर पवित्र क़ुरआन के अवतरण की शुरुआत हुई, इस लिए यह गुफा दुनिया भर में मुसलमानों के लिए महत्व रखती है। इस गुफा में ध्यान में बैठे मुहम्मद साहिब को अल्लाह ने देवदूत जिब्रील द्वारा राहस्योद्घाटन (वही) के ज़रिये क़ुरआन का अवतरण किया। क़ुरान की पहली आयत (क़ुरआन) यहीं पर नाज़िल (अवतरण) हुई. [2] यह मक्का में सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। पर्वत स्वयं बमुश्किल 640 मीटर (2,100 फीट) लंबा है; फिर भी गुफा पर जाने के लिए एक से दो घंटे की आवश्यकता होती है। गुफ़ा 1750 कदम है पर है।
सामान्य तथ्य जबल अल-नूर, उच्चतम बिंदु ...
जबल अल-नूर | |
---|---|
उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 642 मी॰ (2,106 फीट) |
निर्देशांक | 21°27′29″N 39°51′41″E |
नामकरण | |
मूल नाम | جَبَل ٱلنُّوْر (language?) |
भूगोल | |
स्थान | मक्का प्रांत, हिजाज़, सऊदी अरब |
मातृ श्रेणी | हिजाज़ पर्वत |
बंद करें