डिजिटल कला
संगणक द्वारा कृत कला / From Wikipedia, the free encyclopedia
डिजिटल कला, (डिजिटल आर्ट), कला का वह नया रूप है, जिसमें कोई कृति तैयार करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाता है। इसमें कंप्यूटर आधारित प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर असंख्य तरह के डिजाइन तैयार किये जा सकते हैं। इसीलिये इसे मीडिया आर्ट भी कहते हैं। डिजिटल आर्ट में किसी कृति को तैयार करने के लिए पहले चले आ रहे पारंपरिक तरीकों की बजाय आधुनिक प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जाता है। इसके प्रमुख अंगों में कंप्यूटर ग्राफिक्स, एनिमेशन, वर्चुअल और इंटरएक्टिव आर्ट जैसे नए क्षेत्र आते हैं।[1] आज डिजिटल आर्ट की सीमाओं और अर्थ का तेजी से बदलाव और विस्तार हो रहा है। १९६० के दशक में कंप्यूटर के आगमन के साथ ही कला के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के प्रयोग में विस्तार हुआ था। उसके बाद जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी और तकनीकें उन्नत और आधुनिक होती गई, कलाकारों ने इसके प्रयोग से नए डिजाइन बनाने आरंभ किए और कला को नये आयाम दिए। इंटरनेट के आने के बाद इस दिशा में विशेष उन्नती हुई। आज इंटरनेट पर अनेक जालस्थलों पर देखते हैं, कितने ही तरह के डिजाइन और नमूने दिखाई देते हैं। इनमें एनीमेशन आदि का प्रयोग भी किया जाता है। इसके संग यह सुविधा भी होती है कि उन्हें संगीतबद्ध किया जा सके।
डिजिटल आर्ट के प्रयोग से कला को लेकर अनंत नमूने और कृतियां सृजित की जा सकती हैं। इसके बढ़ते प्रभाव और उपयोग का परिणाम है कि इस विषय को मीडिया के पाठय़क्रम में शामिल किया जा रहा है। आज के युवा वर्ग में यह विधा तेजी से अपनी पकड़ बना रही है। कला के पुराने और नए रूपों का संगम होने के कारण हर वर्ग डिजिटल आर्ट के ज्ञान का उत्सुक होता है और इसको समझना चाहता है। इससे तैयार होने वाली कृतियों के लिए अलग से संग्रहालय तैयार किये जाने लगे हैं।[1] इसका एक उदाहरण है नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय का डिजिटल आर्ट अनुभाग। डिजिटल आर्ट ने कला को पहले से अधिक लोकप्रिय बनाने में भरपूर सहयोग दिया है। इसमें तकनीक की मदद का विशेष योगदान है। इससे पुरानी कला या डिजिटल आर्ट से तैयार कृति को इंटरनेट के माध्यम से संसार में कहीं भी देखा जा सकता है।