नाभिकीय अम्ल
मैक्रोअणु (अर्थात् विशाल जैव-अणु) होता है, जो एकलकिक न्यूक्लियोटाइड्स की शृंखलाओं से बनता / From Wikipedia, the free encyclopedia
नाभिकीय अम्ल (Nucleic acid) बहुलक मैक्रोअणु (अर्थात् विशाल जैव-अणु) होता है, जो एकलकिक न्यूक्लियोटाइड्स की शृंखलाओं से बनता है। जैवरासायनिकी के परिप्रेक्ष्य में, ये अणु आनुवांशिक सूचना पहुँचाने का काम करते हैं, साथ ही ये कोशिकाओं का ढाँचा भी बनाते हैं। सामान्यतः प्रयोग होने वाले नाभिकीय अम्ल हैं डी एन ए या डीऑक्सी राइबो नाभिकीय अम्ल एवं आर एन ए या राइबो नाभिकीय अम्ल। नाभिकीय अम्ल प्राणियों में सदा ही उपस्थित होता है, क्योंकि यह सभी कोशिकाओं और यहाँ तक की विषाणुओं में भी होता है। नाभिकीय अम्ल की खोज फ्रेडरिक मिशर ने की थी।
कृत्रिम नाभिकीय अम्लों में आते हैं:
- पेप्टिक न्यूक्लिक अम्ल (पी एन ए),
- मॉर्फोलिनो,
- लॉक्ड न्यूक्लिक अम्ल (एल एन ए),
- ग्लाइकॉल न्यूक्लिक अम्ल (जी एन ए),
- थ्रेयोज़ न्यूक्लिक अम्ल (टी एन ए)।
इन सभी को प्राकृतिक डी एन ए एवं आर एन ए से पृथक पहचानने में अणु की रीढ़ में बदलावों की सहायता ली जाती है।
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