भारतीय नौसेना का भविष्य
From Wikipedia, the free encyclopedia
भारतीय नौसेना आधुनिकीकरण और समुद्री बलों के विस्तार के भाग के रूप में स्वदेशी प्लेटफ़ॉर्म, सिस्टम, सेंसर और शस्त्र विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। 2020 तक भारतीय नौसेना के पास निर्माणाधीन विभिन्न प्रकार के 43 पोत थे। जिनमें एक विमानवाहक पोत भी शामिल है; विध्वंसक; युद्धपोत; कार्वेट; और पारम्परिक-सञ्चालित और परमाणु-सञ्चालित पनडुब्बियाँ और 2050 तक 200 पोतों और 500 विमानों की एक सशक्त नौसेना बनाने की योजना है। 2013 में एक वरिष्ठ नौसेना अधिकारी ने भारतीय नौसेना के 10 वर्ष की अवधि में 200 नौसेना पोत बनाने के उद्देश्य को रेखाङ्कित किया था।[1] दिसम्बर 2020 में नौसेना कर्मचारी प्रमुख के कथन के अनुसार [2], भारतीय नौसेना एक खरीदार-नौसेना से एक निर्माता-नौसेना में बदल गयी है।[3] निर्माणाधीन सभी 41 पोतों का उत्पादन सार्वजनिक और निजी स्वामित्व वाले भारतीय शिपयार्ड में किया जा रहा है।[4] हालाँकि कुछ परियोजनाओं को लम्बे विलम्ब और लागत में वृद्धि का सामना करना पड़ा है।[5]
यह लेख एक विज्ञापन की तरह लिखा हुआ है। कृपया इस लेख को तटस्थ दृष्टिकोण से पुन: लिखने में मदद करें। ऐसे स्पष्ट विज्ञापन जिन्हें ज्ञानकोषीय बनाने के लिये मौलिक रूप से लिखने की आवश्यकता होगी, उन्हें शीघ्र हटाने हेतु चिन्हित करने के लिए {{शीह-व7}} का प्रयोग करें। (नवम्बर 2021) |
हिन्द महासागर क्षेत्र में चीनी जनमुक्ति सेना नौसेना की बढ़ती रुचि [6] ने भारतीय नौसेना को पनडुब्बी रोधी पोतों, कमोर्टा-क्लास कार्वेट, बोइङ्ग पी-8 पोसाइडन जैसे लम्बी दूरी के समुद्री टोही विमान और सरयू-श्रेणी के गश्ती पोतों[7] और मानव रहित हवाई वाहन जैसे IAI हेरॉन-1 [8] में अधिक निवेश करने के लिये प्रेरित किया है। हालाँकि एक सशक्त पनडुब्बी बेड़े की कमी ने इसकी क्षमताओं को कुछ सीमा तक कम कर दिया है।[9]
2020 में लद्दाख में चीनी घुसपैठ के पश्चात, यह घोषणा की गयी थी कि भारतीय नौसेना ने पूर्वी समुद्री तट पर अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ-साथ पश्चिमी समुद्र तट पर लक्षद्वीप में अपनी सैन्य सुविधाओं को उन्नत करने की योजना बनायी है। जो कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में द्वीप हवाईअड्डों के सञ्जाल (नेटवर्क) को स्थापित करने के लक्ष्य को पूरा करेगा, जो एक बुनियादी ढाँचा प्रदान करेगा। जो कि भारत के सभी क्षेत्रों में नेविगेशन व ओवरफ़्लाइट के स्वतन्त्रता की गारण्टी देगा।[10]