शिवसागर रामगुलाम
From Wikipedia, the free encyclopedia
सर शिवसागर रामगुलाम (१८ सितम्बर १९०० - १५ दिसम्बर १९८५) मारिशस के प्रथम मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री एवं छठे गवर्नर-जनरल थे।
सामान्य तथ्य राजा, प्रधानमंत्री ...
द राइट ऑनरेबल सर शीवुसागर रामगुलाम GCMG MRCS सर शिवसागर रामगुलाम कुशवाहा | |
---|---|
शिवसागर रामगुलाम, लोड विमानक्षेत्र, इज्रायल में, १९६२ | |
मारीशस के गवर्नर जनरल | |
पद बहाल २८ दिसम्बर १९८३ – १५ दिसम्बर १९८५ | |
राजा | एलिजाबेथ द्वितीय |
प्रधानमंत्री | अनिरुद्ध जगन्नाथ |
पूर्वा धिकारी | दयेन्द्रनाथ बर्रनचौबे |
उत्तरा धिकारी | सर कैस्सम मूलन (कार्यकारी) |
मारीशस के प्रधान मंत्री | |
पद बहाल १२ मार्च १९६८ – ३० जून १९८२ | |
राजा | एलिजाबेथ द्वितीय |
गर्वनर जनरल | जौन शौ रेनी माइकल रिवलैण्ड (Acting) सर लियोनार्ड विलियम्स सर रमण ओस्मान सर हैनरी गैरीओच सर दयेन्द्रनाथ बर्रनचौबे |
पूर्वा धिकारी | स्थापित कार्यालय |
उत्तरा धिकारी | अनिरुद्ध जगन्नाथ |
मारीशस के मुख्य मंत्री | |
पद बहाल २६ सितम्बर १९६१ – १२ मार्च १९६८ | |
राजा | एलिजाबेथ द्वितीय |
राज्यपाल | थोमस डगलस विकर्स (कार्यकारी) सर जौन शा रेनी |
पूर्वा धिकारी | स्थापित कार्यालय |
उत्तरा धिकारी | समाप्त कार्यालय |
लेबर पार्टी के नेता | |
पद बहाल १ दिसम्बर १९६१ – १५ दिसम्बर १९८५ | |
पूर्वा धिकारी | ईमैन्युएल एण्टेक़ुइल |
उत्तरा धिकारी | सर सैटकैम बूलेल |
जन्म | 18 सितम्बर 1900 बेल्ल राइव (अब केवल नगर), मारीशस |
मृत्यु | 15 दिसम्बर 1985(1985-12-15) (उम्र 85) पोर्ट लुई, मारीशस |
समाधि स्थल | सर शिवसागर रामगुलाम जैव उद्यान |
नागरिकता | मारीशियाई |
राष्ट्रीयता | मारिशियाई |
राजनीतिक दल | लेबर पार्टी |
जीवन संगी | सुशील रामजुडावन (१९२२-१९८४)[1] |
बच्चे | नवीन सुनीता[1] |
निवास | स्टेट हाउस(आधिकारिक) पोर्ट लुई (वैयक्तिक) |
शैक्षिक सम्बद्धता | यूनिवर्सिटी कॉलेज, लन्दन लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स |
पेशा | वैद्य |
धर्म | हिन्दू धर्म |
जालस्थल | ssr.intnet.mu |
बंद करें
वे १९६१ से १९८२ तक प्रधान मन्त्री थे। वे हिन्दू धर्म के अनुयायी, हिन्दी भाषा के पक्षधर और भारतीय संस्कृति के पोषक थे। उनके कार्यकाल में हिन्दी के पठन-पाठन में बहुत प्रगति हुई। विपरीत परिस्थितियों और अभाव के रहते हुए भी उन्होंने हिन्दी के विकास में कोई कमी नहीं रखी। उन्होने ही सर्वप्रथम विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना का विचार दिया था। उनके पुत्र नवीनचन्द्र रामगुलाम भी प्रमुख राजनयिक हैं।[2]