हार्ड डिस्क ड्राइव
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हार्ड डिस्क ड्राइव[3] (जिसे हार्ड डिस्क,[4] हार्ड ड्राइव,[5], सख्त चक्रिका संचालक, डेटा भंडारण यन्त्र या HDD भी कहते हैं) एक आँकड़ों को सहेज कर सुरक्षित रखने वाला यन्त्र है, जो डिजिटल जानकारी चुम्बकीय रूप से लिख और पढ़ (पुनः प्राप्त) सकता है। इसमें घूमने वाले डिस्क्स (चिपटी गोल वस्तु,चक्रिका) होते हैं जिन्हें चुम्बकीय पदार्थ [6]से लेप किया जाता है। बिजली न होने पर भी डेटा भंडारण यन्त्र आंकड़ों को सुरक्षित रखता है। डेटा भंडारण यन्त्र से आँकड़ों को बेतरतीब (रैंडम -एक्सेस) तरीके से पढ़ा जाता है। इसका मतलब है कि आँकड़ों के समूह को भंडारण यन्त्र में किसी भी जगह लिखकर सुरक्षित किया जा सकता है। मतलब आँकड़ों का भंडारण किसी खास क्रम में करने की आवश्यकता नहीं है।
हार्ड डिस्क (सख्त चक्रिका संचालक) की आंतरिक संरचना | |
आविष्कार तिथि | १४ दिसम्बर १९५४[1] |
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आविष्कारकर्ता | आईबीएम की टीम |
जोड़ता है |
मेज़बान अनुकूलक द्वारा मदरबोर्ड से via one of: |
बाजार क्षेत्र |
डेस्कटॉप मोबाइल कम्प्यूटिंग उपक्रम अभिकलन उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक |
इसका अविष्कार १९५६ [7] में आइ०बी०ऍम० नामक कंपनी में हुआ था। १९६० के दशक तक आँकडा भंडारण यन्त्र सभी सामान्य कार्य के संगणकों में सबसे प्रचलित अतिरिक्त/सहायक भंडारण यन्त्र बन गया। आँकड़ा भंडारण यन्त्र में नियमित रूप से सुधार होने लगा और आज सर्वर और व्यक्तिगत संगणकों के ज़माने में भी इसने अपनी जगह स्थिर रखी है। २०० से भी ज़्यादा औद्योगिक इकाइयों ने डेटा भंडारण यन्त्र (HDD) बनाये हैं। हलाँकि ज़्यादातर डेटा भंडारण यन्त्र आज सीगेट(Segate),तोशिबा (Toshiba) और वेस्टर्न डिजिटल बनाते हैं। सारी दुनिया में आंकडा भंडारण यन्त्र का राजस्व २०१३ में $ ३२ बिलियन था जो की २०१२ की तुलना में ३% कम था।
डेटा भंडारण यन्त्र को उसकी भंडारण क्षमता और प्रदर्शन के आधार पर विश्लेषित किया जाता हैं। डेटा भंडारण यन्त्र की क्षमता बाइट्स में होती हैं। १०२४ बाइट को १ किलोबाइट कहा जाता है। उसी तरह से १०२४ किलोबाइट को १ मेगाबाइट कहा जाता है। १०२४ मेगाबाइट को १ गीगाबाइट कहते है और १०२४ गीगाबाइट को १ टेराबाइट कहा जाता है। डेटा भंडारण यन्त्र का पूरा भंडारण स्थान उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध नहीं होता क्यूंकि कुछ हिस्सा प्रचालन तन्त्र(ऑपरेटिंग सिस्टम) को रखने और कुछ और हिस्सा फाइल सिस्टम के लिए और कुछ हिस्सा संभवतः अंदरुनी अतिरेकता (अंग्रेज़ी: inbuilt redundancy) गलती सुधारने और डेटा पुन:प्राप्ति के लिए होता है। आंकडों को लिखने वाले नोक(हेड) के पटरी तक पहुंचने के समय और पढ़ते वक़्त वांछित क्षेत्र के नोक के नीचे तक पहुंचने में लगने वाले समय और आँकड़ों के यन्त्र से आवागमन की गति के आधार पर प्रदर्शन क्षमता का निर्धारण किया जाता है।
आज के डेटा भंडारण यन्त्र मेज पर रखे जा सकने वाले संगणकों (डेस्कटॉप कंप्यूटर) के लिए ३.५ इंच और गोद में रखे जा सकने वाले संगणकों में २.५ इंच के होते हैं। डेटा भंडारण यन्त्र मुख्य प्रणाली से साटा, यूएसबी Archived 2020-10-22 at the वेबैक मशीन या एस.ए.एस(सीरियल अटैच्ड SCSI) जैसे मानक विद्युत् चालक तारों से जुड़े होते हैं। २०१४ तक डेटा भंडारण यन्त्र को अतिरिक्त या सहायक भंडारण के क्षेत्र में ठोस अवस्था वाले संचालक के रूप में टक्कर देने वाली तकनीक थी फ्लैश मेमोरी | आने वाले समय में यह माना जा रहा है कि हार्ड डिस्क अपना आधिपत्य जारी रखेगी लेकिन जहाँ गति और बिजली की कम खपत ज़्यादा ज़रूरी हैं वहाँ ठोस अवस्था वाले उपकरण (सॉलिड स्टेट डिवाइस) को हार्ड डिस्क की जगह पर इस्तेमाल किया जा रहा है।