गुरु नानक
सिख धर्म के संस्थापक / From Wikipedia, the free encyclopedia
नानक (पंजाबी:ਨਾਨਕ) (कार्तिक पूर्णिमा 1469 – 22 सितंबर 1539) सिखों के प्रथम (आदि ) गुरु हैं।उनके गुरू कबीर साहिब थे[1] इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से सम्बोधित करते हैं। नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबन्धु - सभी के गुण समेटे हुए थे। इनका जन्म स्थान गुरुद्वारा ननकाना साहिब पाकिस्तान में और समाधि स्थल करतारपुर साहिब पाकिस्तान में स्थित है।[2] उनके गुरू कबीर साहिब थे
सामान्य तथ्य नानक देव जी, जन्म ...
नानक देव जी | |
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जन्म |
गुरु नानक देव जी कार्तिक पूर्णिमा, संवत् १५२७ अथवा 29 अक्तूबर 1469 राय भोई की तलवंडी, (वर्तमान ननकाना साहिब, पंजाब, पाकिस्तान, पाकिस्तान) |
मौत |
15 अप्रैल 1539 |
समाधि | गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर, पाकिस्तान |
कार्यकाल | 1469–1539 |
उत्तराधिकारी | गुरु अंगद देव |
धर्म | सिख धर्म |
जीवनसाथी | सुलक्खनी देवी |
माता-पिता | लाला कल्याण राय (मेहता कालू जी), माता तृप्ता देवी जी के यहां हिन्दू परिवार में |
गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर, पाकिस्तान |
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सामान्य तथ्य सिख सतगुरु एवं भक्त, धर्म ग्रंथ ...
सिख सतगुरु एवं भक्त |
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